(ग़ज़ल) कहीं चहकेगी बà¥à¤² बà¥à¤² और कहीं गà¥à¤² मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¯à¥‡ गा ढलेगी रात अà¤à¤§à¥‡à¤°à¥€ सवेरा लौट आठगा ख़à¥à¤¦à¤¾ जिसको जहाठचाहे बिठाता है बलनà¥à¤¦à¥€ पर क़तà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ में खड़ा हूठमैं मेरा à¤à¥€ वक़à¥à¤¤ आठगा ठतूफाठतà¥à¤ से कहता हूठअदब से पेश आया कर जवानी कà¥à¤› दिनों कि है शमा कब तक बà¥à¤à¤¾à¤¯à¥‡ गा हमें बांटा है फ़िरक़ों में बड़ी गनà¥à¤¦à¥€ सियासत है सितमगर की है मजबूरी सितम फिरसे वोह ढाये गा किसी à¤à¥€ क़ौम का दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ मसीहा हो नहीं सकता हो मिलà¥à¤²à¤¤ की निगाहें तो नज़र तà¥à¤à¤•à¥‹ à¤à¥€ आà¤à¤—ा लà¥à¤Ÿà¤¾ क़ारूणि ख़ज़ाना मिटि फ़िरौन की ताक़त तेरी हसà¥à¤¤à¥€ à¤à¤²à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ है बता कà¥à¤¯à¤¾ आज़मायेगा हिक़ारत की नज़र से देखने वालो गà¥à¥›à¤¾à¤°à¤¿à¤¶ है वोह गà¥à¥›à¤°à¥‡ दिन à¤à¥€ ताज़ा कर तà¥à¤à¥‡ कà¥à¤› याद आà¤à¤—ा सज़ाठमौत से बॠकर सज़ा दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ को देनी हो वोह जबà¤à¥€ सामने आठख़à¥à¤¶à¥€ के गीत गायेजा सबà¥à¤° से काम ले नादिर ये वक़ते आज़माइश है तेरी क़िसà¥à¤®à¤¤ का तारा à¤à¥€ जहाठमें जगमगाठगा : नादिर हसनैन (नादिर)