Mukti De ...... Mukti De

lyrics by: Nadir Hasnain
Written on Mar 30, 2015

मेरी ज़िंदगानी अधूरी कहानी ये बंजर जवानी तू आबाद करदे
मोहब्बत की ज़ंजीर में क़ैद हूँ मैं तुझे वास्ता रब का आज़ाद करदे 
मुक्ति दे ......... मुक्ति दे ....... मुक्ति दे ............ मुक्ति दे

दिल हिचकोला खाए जवानी मेरी ढलती जाए
हवा में चुनरी जो लहराए समझ में कुछ न मेरी आए
तेरे बिन सूना है संसार न कोई हमदम न ग़मख़ार
सनम ना कोई मेरा यार इनायत तेरी है दरकार

मुक्ति दे ......... मुक्ति दे ....... मुक्ति दे ............ मुक्ति दे

दिल का हुआ है तंदूर गरम बैरी सताए बिरहा की जलन
मैं राँझा हीर तू मेरा ज़मीर तू पयासी ज़िंदगानी मीठा है नीर तू 
मेरा जूनून है दिल का सकून है होली क रंग में भी मेरा अबीर तू
करले पेयार का तू इज़हार मुक्ति दे ............ मुक्ति दे

ये कैसी है ख़ुदाई घटा घनघोर छायी
इश्क मझदार में है लबों पे जान आई 
तुही मुश्किल कुशा है मेरा तू आसरा है 
तेरी परवाज़ शांहिं तुही बादे सबा है
लगा कर मेरी नैया पार मुक्ति दे ............ मुक्ति दे

फसल जलने लगी है नदी तालाब सुखा
करम की हो निगाहें पयसा हूँ मैं भूका 
गुज़ारिश है ये मेरी तुही इन्साफ करदे
क़फ़स में क़ैद हूँ मैं मुझे आज़ाद करदे
बरसे बारिश मुसलाधार मुक्ति दे ............ मुक्ति दे

                           :नादिर हसनैन

 

Tags: happy, love, faith, anger, encouraging,

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Shanta commented:
Can you give me the English version of the above, I am curious!

 

 

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